Noida के DLF Mall of India में खुल रहा है Apple का नया स्टोर


नोएडा और दिल्ली NCR के टेक प्रेमियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है! Apple अपना नया आधिकारिक स्टोर DLF Mall of India, Noida में खोलने जा रहा है। 

यह भारत में कंपनी का 5वां और दिल्ली NCR का दूसरा स्टोर होगा। अगर आप भी नए आईफोन या मैकबुक के दीवाने हैं, तो यहाँ वो सब कुछ है जो आपको इस नए स्टोर के बारे में जानना चाहिए। 

कब हो रही है ग्रैंड ओपनिंग? 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएडा के इस स्टोर का उद्घाटन 11 दिसंबर को किया जाएगा। यह साल 2025 में खुलने वाला Apple का तीसरा स्टोर होगा।

भारत में अन्य स्टोर्स की स्थिति:

  • मुंबई :अप्रेल 2023
  • दिल्ली (साकेत): अप्रैल 2023
  • बेंगलुरु: 2 सितंबर को खुला
  • पुणे: 4 सितंबर को खुला
  • नोएडा: 11 दिसंबर (आगामी)

स्टोर में क्या होगा खास? (Latest Products & Features)

इस नए स्टोर में टेक्नोलॉजी का भविष्य देखने को मिलेगा। यहाँ ग्राहकों को लेटेस्ट और फ्यूचरिस्टिक गैजेट्स का अनुभव मिलेगा:  

  • iPhone 17 सीरीज: लेटेस्ट आईफोन मॉडल्स डिस्प्ले और बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
  • M5-पावर्ड MacBook Pro: पावरफुल परफॉरमेंस वाले नए लैपटॉप्स।

एक्सपर्ट सपोर्ट: यहाँ स्पेशलिस्ट, क्रिएटिव्स, जीनियस और बिजनेस टीम्स मौजूद रहेंगी जो आपकी हर तकनीकी समस्या का समाधान करेंगी।

नोट: ग्राहक न केवल प्रोडक्ट्स खरीद सकेंगे, बल्कि नए फीचर्स को खुद 'ट्राई' भी कर सकेंगे।

'Today at Apple' सेशंस: सीखें कुछ नया

सिर्फ खरीदारी नहीं, Apple Store एक लर्निंग हब भी होगा। यहाँ 'Today at Apple' सेशंस आयोजित किए जाएंगे।टॉपिक्स: डिजिटल आर्ट, स्टोरीटेलिंग, प्रोडक्टिविटी और कोडिंग।

फायदा: ये वर्कशॉप्स उन लोगों के लिए बेहतरीन हैं जो अपने डिवाइस का पूरा इस्तेमाल सीखना चाहते हैं या अपनी क्रिएटिविटी को बढ़ाना चाहते हैं।

सर्विस और सुविधाएं

Apple अपने प्रीमियम अनुभव के लिए जाना जाता है, और यह स्टोर भी अलग नहीं होगा:

  • पिकअप सर्विस: आप घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर करें और स्टोर से जाकर पिक कर लें।
  • ट्रेड-इन प्रोग्राम (Trade-in): अपने पुराने डिवाइस को एक्सचेंज करें और नए गैजेट पर छूट पाएं।
  • गाइडेंस: Apple के विशेषज्ञ आपकी जरूरतों के हिसाब से सही प्रोडक्ट चुनने में मदद करेंगे।

भारत में Apple की रिकॉर्ड तोड़ ग्रोथ

भारत Apple के लिए एक उभरता हुआ और महत्वपूर्ण बाजार बन चुका है। टिम कुक (Tim Cook) ने भी कई बार भारत को 'स्टैंडआउट मार्केट' बताया है।

  • बिक्री का अनुमान: IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी भारत में 15 करोड़ iPhone बेच सकती है।
  • मार्केट शेयर: पहली बार Apple का मार्केट शेयर 10% से ऊपर जाने की उम्मीद है।
  • हालिया प्रदर्शन: सितंबर तिमाही में Apple ने लगभग 5 मिलियन यूनिट्स बेचे और 25% की सालाना वृद्धि दर्ज की।

स्रोत: मीडिया रिपोर्ट्स 


पतली जयपुरी रजाई में कैसे रुकती है सर्दी, जानिए कहां से खरीदें इसे


देश—विदेश में प्रसिद्ध जयपुरी रजाई की डिमांड खूब है। पिंक सिटी घूमने आने वाले ट्यूरिस्ट को जयपुर का यह खास प्रॉडक्ट खूब पसंद आ रहा है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला—2025 में भी 100 ग्राम रूई से बनी स्पेशल रजाई को लेकर खासा क्रेज रहता है। जयपुरी रजाई का​ बिजनेस भी काफी बढ़ गया है।


जयपुरी रजाई अपने हल्के वजन, कोमलता और गर्माहट की खासियत के कारण देश—विदेश में फेमस है। जयपुरी रजाई बनाने का काम मुख्य रूप से मंसूरी समाज का वंशानुगत व्यवसाय है। अब इस व्यवसाय में कुछ और भी लोग एवं बड़ी कंपनियां शामिल हो गई है। लेकिन परम्परागत रूप से बनी रजाई की डिमांड अलग ही है। जयपुर में कई परिवार ऐसे हैं जिनकी सात—आठ पीढ़ी इस काम से जुड़ी है। यह करीब 280 साल पुरानी विरासत है।


असली जयपुर रजाई कहां से खरीदे?

पर्यटकों और ग्राहकों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, यहां जयपुर में कई दुकानदार ऐसे हैं जो असली जयपुर रजाई का दावा करते हैं, लेकिन वे होती नहीं है। इसलिए यह प्रॉडक्ट सोच समझकर लिया जाना चाहिए। जयपुर में जयपुरी रजाई हवामहल बाजार, जौहरी बाजार, बापू बाजार, आमेर रोड़, जोरावर सिंह गेट, आमेर में कई दुकानों और शोरूम मिलती है। ये प्रॉडक्ट ऑनलाइन भी कई साइटों पर बेचा जा रहा है लेकिन, उसके असली होने की कोई गारंटी नहीं है। सिलाई, वजन, कपड़ा और छपाई देखकर इसके असली—नकली होने का अंदाजा लगाया जा सकता है।


जयपुरी रजाई कितने की है?

यह निर्भर करता है उसमें इस्तेमाल की जा रही रूई की क्वलिटी और कपड़े पर। हाथ से कताई वाली रूई से बनी होगी, तो महंगी होगी। मशीन से रई कताई कर बनी रजाई आमतौर पर सस्ती होती है। फिर उसमें कपड़ा कौन सा लगा है? इस पर भी जयपुरी रजाई की कीमत निर्भर करती है। रजाईयां 500 से 5000 तक की रेंज में उपलब्ध है।

क्यों प्रसिद्ध है जयपुरी रजाई?

नार्मल रजाई का वजन 4-5 किग्रा तक होता है। कुछ लोगों को इस रजाई के इस्तेमाल से घुटन महसूस होती है। जयपुरी रजाई काफी light weight होती है। इसका वजन 100 ग्राम से लेकर दो किग्रा तक होता है। स्पेशल 250 ग्राम (प्रसिद्ध 'पाव रजाई') भी उपलब्ध है।

मलमल का कपड़ा: इसमें शुद्ध सूती मलमल (Mulmul) के कपड़े का उपयोग होता है, जो त्वचा के लिए बेहद मुलायम होता है और सांस (breathable) ले सकता है।

हाथ की छपाई (Hand Block Print): इन रजाईयों पर सांगानेरी, बगरू और मुगल प्रिंट की नक्काशी होती है। यह मशीन से नहीं, बल्कि कारीगरों द्वारा लकड़ी के ठप्पे (blocks) से हाथ से छापी जाती है।

रिवर्सिबल डिज़ाइन: अधिकतर जयपुरी रजाईयां दोनों तरफ से इस्तेमाल की जा सकती हैं, जिससे एक ही रजाई में आपको दो अलग-अलग डिजाइन मिलते हैं।

पतली रजाई में कैसे रुकती है सर्दी


पतली जयपुरी रजाई में ठंड कैसे रुकती है? इसका राज इसकी बनावट और प्रक्रिया में छिपा है।
धुनाई (Carding Process): यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है। कारीगर रुई को डंडों से घंटों तक पीटते हैं (जिसे धुनाई कहते हैं)। इस प्रक्रिया में रुई के रेशे-रेशे अलग हो जाते हैं और अशुद्धियां निकल जाती हैं। इससे रुई में हवा भर जाती है और वह बेहद हल्की (fluffy) हो जाती है। विज्ञान के अनुसार, रुई के रेशों में फंसी यह हवा ही 'इन्सुलेटर' (insulator) का काम करती है और शरीर की गर्मी को बाहर नहीं जाने देती।

टगाई (Tagai /Hand Stitching): रुई भरने के बाद, कारीगर हाथ से रजाई पर बारीक टांके लगाते हैं जिसे 'टगाई' कहते हैं। यह टांके मशीन की तरह सीधे नहीं होते, बल्कि एक पैटर्न में होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि धुनी हुई रुई एक जगह इकट्ठी न हो और पूरी रजाई में एक समान फैले रहे।

शुद्ध कपास: इसमें सिंथेटिक फाइबर के बजाय 100% शुद्ध कपास का उपयोग होता है, जो सिंथेटिक फाइबर की तुलना में गर्मी को बेहतर तरीके से सोखता है। 

पेयजल के नाम पर बड़ा धोखा, नई कॉलोनियों में बिल्डर का दावा जमीन पर फेल


अजमेर रोड, मानसरोवर और आसपास की किसी कॉलोनी में प्लॉट, विला या फ्लैट खरीद रहे हैं तो रुकिए। सिर्फ दाम या लोकेशन देखकर फैसला न करें। पहले यह जरूर जांच लें कि बसावट के बाद कम से कम पीने का पानी मिलेगा या नहीं।

बिना टोल क्रॉस करे कटी राशि, कंज्यूमर कोर्ट ने टोल प्लाजा पर लगाया 45 हजार का जुर्माना

घर में खड़ी कार का टोल कटने पर क्या करें? इस धोखाधड़ी का शिकार कई लोग हो चुके है। ऐसे मामलों में टोल कंपनी आपकी शिकायत नहीं सुन रही है तो आप उपभोक्ता आयोग में शिकायत कर सकते है। 

ऐसा मामला जयपुर में सामने आया। नेशनल हाईवे पर जाए बिना ही घर पर खड़ी कार का 55 रुपए टोल काटना दौलतपुरा टोल प्लाजा को भारी पड़ गया। 

forhex fair 2025 जयपुर में शुरु, 100 से ज्यादा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट प्रदर्शित


जयपुर। देश के प्रतिष्ठित हैंडी क्राफ्ट्स फेयर में शामिल forhex fair 2025 का आगाज जयपुर के बिड़ला सभागार में हुआ। चार दिवसीय इस फेयर का 11वां संस्करण 24 नवंबर तक जारी रहेगा।

26 ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म नहीं वसूलेंगे हिडन चार्जेज, खुद को डार्क पैटर्न फ्री


26 बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने अपने एप्स और वेबसाइट्स पर डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

Dark Pattern क्या है? डार्क पैटर्न्स ऐसी ट्रिक हैं, जो ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान यूजर्स को गुमराह करती हैं। कई बार शॉपिंग के समय किसी प्रोडक्ट को लेकर अर्जेंसी क्रिएट कर दी जाती है। अभी खरीदो वरना स्टॉक खत्म जैसे जुमले डिस्प्ले होते है। या फिर कोई एक्स्ट्रा प्रॉडक्ट जबरन कार्ट में ऐड कर दिया जाता है। सब्सक्राइब के लिए दबाव बनाया जाता है। ऐसे कई तरीके हैं जिससे ग्राहकों के साथ ठगी की जाती है।  

2023 में नोटिफाई हुई गाइडलाइंस फॉर प्रिवेंशन एंड रेगुलेशन ऑफ डार्क पैटर्न्स में 13 ऐसी ट्रिक्स को बैन किया गया है। इनमें फॉल्स अर्जेंसी, बास्केट स्नीकिंग, कन्फर्म शेमिंग, फोर्स्ड एक्शन, सब्सक्रिप्शन ट्रैप, इंटरफेस इंटरफियरेंस, बेट एंड स्विच, ड्रिप प्राइसिंग, डिस्गाइज्ड ऐड्स, नेगिंग, ट्रिक वर्डिंग, SAAS बिलिंग और रोग मैलवेयर शामिल हैं।

ये ट्रिक्स कंज्यूमर्स को अनचाहे प्रोडक्ट्स खरीदने या सब्सक्रिप्शन में फंसाने के लिए इस्तेमाल होती हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत ये गाइडलाइंस 30 नवंबर 2023 को लागू हुईं, ताकि डिजिटल मार्केट में ट्रांसपेरेंसी आए।

इन 26 कंपनियां इंटरनल या थर्ड-पार्टी ऑडिट के बाद सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) को सेल्फ-डिक्लेरेशन लेटर सौंप चुकी हैं। ये डिक्लेरेशन अपनी वेबसाइट्स पर अपलोड भी कर दिए हैं, ताकि कंज्यूमर चेक कर सकें।

किन कंपनियों ने खुद को डार्क पैटर्न फ्री किया?

1 जेप्टो
2 जोमैटो
3 स्विगी
4 जियो मार्ट
5 बिग बास्केट
6 फार्म ईजी
7 Zepto Marketplace
8 फ्लिपकार्ट इंटरनेट
9 मिंत्रा डिजाइन
10 वॉलमार्ट इंडिया
11 मेक माय ट्रिप इंडिया
12 बिग बास्केट इनोवेटिव रिटेल कॉन्सेप्ट्स
13 जियो मार्ट रिलायंस रिटेल
14 ब्लिंकिट
15 पेज इंडस्ट्रीज
16 विलियम पेन
17 क्लियर ट्रिप
18 रिलायंस ज्वेल्स
19 रिलायंस डिजिटल
20 नेटमेड्स
21 टाटा 1mg
22 मीशो
23 इक्सिगो
24 मिल बास्केट
25 हैमलेज इंडिया
26 अजियो / तिरा ब्यूटी / ड्यूरोफ्लेक्स / कुराडेन इंडिया (रिलायंस रिटेल ग्रुप के अन्य प्लेटफॉर्म)

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने जून 2025 में एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को 3 महीने के अंदर सेल्फ-ऑडिट करने और डिक्लेरेशन सबमिट करने को कहा था। 

आगरा रोड: गोनेर से दांतली तक 300 फीट चौड़ी सड़क, कई कॉलोनियों को फायदा


जयपुर में आगरा रोड, जगतपुरा और इंदिरा गांधी नगर समेत एक हजार कॉलोनियों को बड़ा फायदा होने वाला है। इस इलाके में सबसे चौड़ी सड़क बनाने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने काम शुरू करने का दावा किया है। 

यह सड़क गोनेर से दांतली सिरोली तक सीधी कनेक्टिविटी देगी। इस सड़क के निर्माण से रोपाड़ा मोड़ से आगरा रोड तक भी 200 फीट चौड़ी कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। इसका फायदा आसपास की एक हजार छोटी—बड़ी कॉलोनियों को होगा। यहां हाल में कई नई कॉलोनियां विकसित हो रही है। 

जयपुर के मास्टर प्लान में प्रस्तावित है

मास्टर प्लान में प्रस्तावित इस सड़क के लिए जेडीए ने गत वर्ष दिसंबर में गोनेर  से रोपाड़ा मोड़ तक सर्वे और डिमार्केशन की प्रक्रिया शुरू की थी। यह हिस्सा लगभग 7 किमी लंबाई में 300 फीट चौड़ा बनाया जाएगा। इसके बाद लूनियावास और आगरा रोड तक सड़क की चौड़ाई 200 फीट रहेगी।

समस्या यह आ रही है

वर्तमान में यहां सड़क केवल 60 से 80 फीट चौड़ी है और आगरा रोड से लूनियावास तक जगह-जगह अतिक्रमण मौजूद है। इस सड़क का पूरा उपयोग तभी संभव होगा, जब आगरा रोड से दांतली आरओबी तक अतिक्रमण हटाकर प्रस्तावित चौड़ाई में सड़क बनाई जाए।

डिजिटल गोल्ड कितना सेफ? ETF बेहतर या फिजिकल गोल्ड?

AI Image 

गोल्ड और सिल्वर के लगातार बढ़ते दामों के बीच लोग तेज रिटर्न की उम्मीद में तरह–तरह से निवेश कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में SEBI ने डिजिटल गोल्ड पर चेतावनी जारी की, जिसके बाद सवाल बढ़ गया—क्या डिजिटल गोल्ड सुरक्षित है? और ETF या फिजिकल गोल्ड में से बेहतर क्या है?


डिजिटल गोल्ड क्या है और कितना सुरक्षित है?

डिजिटल गोल्ड वह सोना है जिसे आप Paytm, PhonePe, Google Pay, Motilal Oswal जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन खरीदते हैं।

आप ₹1 से भी फ्रैक्शनल गोल्ड खरीद सकते हैं।

कंपनी आपके नाम पर उतना ही गोल्ड vault में सुरक्षित रखती है।

आप चाहें तो बाद में उसकी फिजिकल डिलीवरी भी ले सकते हैं।

भारत में डिजिटल गोल्ड की शुरुआत 2012 में Augmont ने की, बाद में MMTC-PAMP आया, जो भारत का सबसे बड़ा गोल्ड रिफाइनर है। इसकी वजह से यह प्रोडक्ट लोगों में लोकप्रिय हुआ।


SEBI ने चेतावनी क्यों दी?

क्योंकि डिजिटल गोल्ड को कोई रेगुलेटर नहीं देखता:

ना SEBI

ना RBI

डिजिटल गोल्ड स्टॉक/कमोडिटी नहीं, और डिपॉजिट प्रोडक्ट भी नहीं माना जाता।
इसका मतलब यह है कि:

➡️ अगर डिजिटल गोल्ड बेचने वाला प्लेटफॉर्म डिफॉल्ट कर गया,
➡️ तो SEBI आपको कोई सुरक्षा नहीं दे पाएगी।

यही कारण है कि SEBI ने कहा है—सावधानी बरतें।

फिर भी इसका मार्केट तेजी से बढ़ा है:
2021 में ₹5,000 करोड़ → अब ₹13,800 करोड़।


🤔 अगर आपने पहले से डिजिटल गोल्ड खरीदा है?

घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं।

आपके पास 3 विकल्प हैं:

  1. फिजिकल डिलीवरी ले लें

  2. बेचकर गोल्ड ETF या गोल्ड फंड में शिफ्ट हो जाएं

  3. अगर प्लेटफॉर्म पर भरोसा है, तो होल्ड भी कर सकते हैं (रिस्क आपका होगा)


🟡 गोल्ड में निवेश के तीन सुरक्षित तरीके


1. फिजिकल गोल्ड (सबसे पारंपरिक तरीका)

✔️ बिस्किट या सिक्के खरीदें
❌ ज्वेलरी से बचें

क्यों?
क्योंकि ज्वेलरी में:

10–20% तक मेकिंग चार्ज

24 कैरेट प्योर गोल्ड नहीं मिलता

बेचते समय कटौती भी ज्यादा लगती है

निवेश के लिए बेस्ट:
→ 24K गोल्ड बिस्किट/सिक्का
→ 999 purity


2. गोल्ड ETF (सबसे पारदर्शी और सुरक्षित)

गोल्ड ETF स्टॉक मार्केट में ट्रेड होते हैं।

✔️ पूरी तरह SEBI रेगुलेटेड
✔️ शुद्धता की चिंता नहीं
✔️ चोरी का खतरा नहीं
✔️ मार्केट प्राइस ट्रांसपेरेंट

ज़रूरी:
→ Demat अकाउंट
→ ब्रोकरेज (थोड़ा सा)

यह तरीका लंबे समय में सबसे क्लीन और सुरक्षित निवेश माना जाता है।


3. गोल्ड म्यूचुअल फंड (ETF का आसान वर्ज़न)

गोल्ड फंड में फंड मैनेजर गोल्ड ETF या गोल्ड से जुड़े स्टॉक्स में पैसा लगाते हैं।

✔️ Demat की जरूरत नहीं
✔️ SIP में निवेश कर सकते हैं
✔️ छोटे निवेशकों के लिए बेस्ट

यह उन लोगों के लिए आसान है जिन्हें:

ETF ट्रेडिंग नहीं करनी

बस हर महीने गोल्ड में SIP करनी है


🏆 कौन सा विकल्प सबसे बेहतर?

निवेश तरीकासुरक्षालिक्विडिटीरेगुलेशनकिसके लिए?
फिजिकल गोल्डमध्यमकमनहींपारंपरिक निवेशक
डिजिटल गोल्डप्लेटफॉर्म पर निर्भरहाईनहींछोटे निवेश और गिफ्टिंग
गोल्ड ETFबहुत सुरक्षितबहुत हाईSEBIगंभीर/लॉन्ग-टर्म निवेश
गोल्ड म्यूचुअल फंडसुरक्षितहाईSEBISIP वाले निवेशक

सबसे सुरक्षित: Gold ETF
सबसे आसान: Gold Mutual Fund (SIP)
गिफ्टिंग/छोटे अमाउंट के लिए: Digital Gold
पारंपरिक/लॉकर्स वाले लोगों के लिए: Physical Gold

जौहरी बाजार, जयपुर: खरीदारी, ज्वैलरी, कपड़े और घूमने की पूरी गाइड | Johari Bazaar Jaipur


जौहरी बाजार जयपुर राजस्थान की राजधानी का सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक बाज़ार है। अपनी जेम्स एंड ज्वैलरी, सांगानेरी प्रिंट, बंधेज, लहरिया और पारंपरिक राजस्थानी खरीदारी के लिए यह बाजार दुनिया भर में मशहूर है। अगर आप जयपुर में शॉपिंग की प्लानिंग कर रहे हैं, तो जौहरी बाजार आपके लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए।

जानिए - जौहरी बाजार कहां है? यहां क्या फेमस है? क्या खरीदें? कैसे पहुंचें? और किन बातों का ध्यान रखें?

जौहरी बाजार कहां है? | Johari Bazaar Location

जौहरी बाजार पुराने जयपुर शहर का सबसे जीवंत बाज़ार है। यह बड़ी चौपड़ से लेकर सांगानेरी गेट तक फैला हुआ है। बाज़ार चारों ओर से आसानी से पहुंचा जा सकता है—

 एमआई रोड, आगरा रोड और टोंक रोड से आने वाले सांगानेरी गेट से प्रवेश कर सकते हैं।
दिल्ली रोड या आमेर से आने वाले बड़ी चौपड़ की ओर से बाज़ार में पहुंचते हैं।
Google Maps पर “Johari Bazaar Jaipur” सर्च करते ही लोकेशन मिल जाएगी।

जौहरी बाजार क्यों फेमस है? | Why Johari Bazaar is Famous

जौहरी बाजार जयपुर अपनी ज्वैलरी, गुलाबी इमारतों, प्राचीन संस्कृति और पारंपरिक शॉपिंग के लिए जाना जाता है। यहां आपको—
सोने–चांदी की ज्वैलरी
डायमंड ज्वैलरी
जेमस्टोन और राशि रत्न
सांगानेरी और बंधेज प्रिंट
राजस्थानी पारंपरिक ड्रेस
सब कुछ एक ही जगह मिल जाता है।
इसके अलावा—
सांगानेरी गेट की ओर दो प्रसिद्ध हनुमान मंदिर स्थित हैं।
बाज़ार में जामा मस्जिद भी है, जो इसकी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है।

जौहरी बाजार में क्या खरीदें? | What to Buy in Johari Bazaar

1. जयपुर की ज्वैलरी (Gold, Silver, Diamond Jewellery)
जौहरी बाजार को “Jewellery Hub of Jaipur” कहा जाता है। यहाँ आपको मिलेगा—

Gold Jewellery
Silver Jewellery
Diamond Jewellery
Kundan, Polki, Meenakari Jewellery
Semi-Precious Stones
राशि रत्न

शादियों और खास मौकों के लिए यहां बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हैं।

यदि आप कपड़ों के शौकीन हैं, तो जौहरी बाजार आपके लिए परफेक्ट है। यहां उपलब्ध हैं—

जयपुरी प्रिंट के कपड़े
सांगानेरी प्रिंट साड़ियां व कुर्ते
बंधेज साड़ी
लहरिया ड्रेसेस
राजपूती ड्रेस
पार्टी वियर साड़ी, लहंगा, बेस
जयपुरी व जोधपुरी साफे-पगड़ियां
यहां कीमतें भी काफी किफायती हैं।

3. आर्टिफिशियल ज्वैलरी
अगर आप बजट में खरीदारी करना चाहते हैं, तो यहां की आर्टिफिशियल ज्वैलरी बेहतरीन है—

सिल्वर ऑक्साइड ज्वैलरी
राजपूती ज्वैलरी
कुंदन–मीणा सेट
इयररिंग, नेकलेस, चूड़ियां

जौहरी बाजार कैसे पहुंचे? | How to Reach

निकटतम मेट्रो स्टेशन: बड़ी चौपड़ (Walking Distance)

बस: BRTS और सिटी बसें नियमित चलती हैं

एयरपोर्ट से दूरी: लगभग 12–13 किलोमीटर

रेलवे स्टेशन से दूरी: लगभग 5–6 किलोमीटर

जौहरी बाजार की समस्याएं | Issues in Johari Bazaar

जौहरी बाजार जितना खूबसूरत है, उतना ही चुनौतियों से घिरा हुआ भी है—

1. अतिक्रमण और अवैध निर्माण
गुलाबी रंग की इमारतें अब पहले जैसी एकरूप नहीं दिखतीं। दुकानों में अवैध निर्माण और मनमाने रंग–रोगन ने बाजार की ऐतिहासिक पहचान को नुकसान पहुंचाया है।
2. पार्किंग समस्या
जौहरी बाजार में पार्किंग सीमित है।
बेहतर है कि वाहन रामनिवास बाग या रामलीला मैदान की पार्किंग में खड़ा करें।
3. भारी ट्रैफिक
 वाहन 90° पर खड़े होने से ट्रैफिक जाम आम बात है।
यहां पैदल घूमना ही सबसे अच्छा अनुभव देता है।
4. ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई
अगर आपका वाहन उठाया जाता है, तो इसे जेएलएन मार्ग, रामनिवास बाग गेट के पास चालान भरकर प्राप्त किया जा सकता है।


जौहरी बाजार कब जाएं? | Best Time to Visit Johari Bazaar

सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक सबसे अच्छा समय है।

रविवार को कई दुकानें बंद रहती हैं, इसलिए प्लानिंग करके जाएं।

सर्दियों में घूमने का मज़ा दुगुना हो जाता है।

जौहरी बाजार जयपुर का दिल है—जहां परंपरा, कला, संस्कृति और आधुनिक खरीदारी सब एक साथ मिलते हैं। चाहे आप ज्वैलरी खरीदना चाहते हों, राजस्थानी कपड़ों की तलाश में हों या बस पिंकसिटी की खूबसूरती को महसूस करना चाहते हों—जौहरी बाजार जरूर जाएं।

क्या इस बार शादी के खाने का मेन्यू बदलेगा, हलवे में गाजर की जगह मूंग होगा

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शादी का सीजन शुरू हो चुका है। शहनाइयां गूंजने लगी है। सब्जियों की कीमतों का असर शादियों पर भी नजर आ सकता है।

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