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शादी का सीजन शुरू हो चुका है। शहनाइयां गूंजने लगी है। सब्जियों की कीमतों का असर शादियों पर भी नजर आ सकता है।
दरअसल, बाजार में सीजनल सब्जियों के भाव आसमान छू रहे है। मंडियों से मटर गायब है। जहां है वहां 200 रुपए किलो बिक रहा है। इतना भाव तो फ्रोजन मटर का ही होता है। ऐसे में मटर—पनीर की सब्जी में फोकस केवल पनीर पर किया जा रहा है। यानी सब्जियों से मटर गायब।
मिठाई में गाजर का हलवा सर्दियों में होने वाली शादियों की खास डिश मानी जाती है। भई, गाजर का भाव 80 रुपए किलो है। 20—30 रुपए किलो हो तब तक ही गाजर के हलवे की मिठास ठीक है। अब ऐसे में मूंग के हलवे को ही मेन्यू का हिस्सा बनाया जा रहा है। हलवाई भी यही सलाह दे रहे है। गुलाब जामुन—काजू कतली का विकल्प चाहिए तो मूंग का हलवा ठीक रहेगा।
आल प्याज खूब है। इसलिए आलू—प्याज—पनीर की सब्जी ठीक रह सकती है। आलू सात से 10 रुपए किलो मिल रहा है। प्याज का भी भाव यही है। असल में इस बार
आलू—प्याज किसानों को रूला रहा है और गाजर, मटर—पालक ग्राहक को। मटर, गाजर, पालक, मैथी जैसी सब्जियां के दाम नीचे नहीं आ रहे है।
आलू—प्याज सस्ता और क्यों मटर—पालक महंगा क्यों?इस बार बेमौसम की बरसात की मार सब्जियों पर पड़ी है। प्याज और लहसुन की फसल कई जगह खराब हो गई है। स्वाद में कड़ापन आ गया। ऐसे में स्टॉकिस्ट प्याज और लहसुन खरीद नहीं रहे है। आलू में भी नमी है। इससे वे ज्यादा दिन तक स्टोर नहीं किया सकता। ऐसे में किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल रही। पालक, मटर, टमाटर, मेथी, शकरकंद, भिंडी की फसल भी बारिश से प्रभावित हुई। मंडियों में उनकी आवक कम होने से भाव में तेजी है।

