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तैयार रहे फिर बढ़ने वाली है डीजल—पेट्रोल की कीमतें

जयपुर। डीजल—पेट्रोल की दरों में 15 दिसम्बर के बाद बदलाव होगा। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर देश में डीजल—पेट्रोल की कीमतों में पर पड़ेगा। 
भारत में डीजल—पेट्रोल के मूल्य की समीक्ष के लिए तेल कम्पनियों की बैठक 15 दिसम्बर को प्रस्तावित है। इस बैठक में अंतराष्ट्रीय बाजार के मद्देजनर आगामी पखवाड़े के लिए कीमतें तय की जानी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में पिछले दिनों करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्तमान में कच्चे तेल के दाम 55 डालर प्रति बैरल है। जबकि पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में यह दरें करीब 45 डालर प्रति बैरल थी। ऐसे में एक से दो रूपए प्रति लीटर डीजल एवं पेट्रोल में बढ़ोतरी की संभावना है। गौरतलब है कि पिछली समीक्षा के बाद तेल कम्पनियों ने 1 दिसंबर से पेट्रोल के दाम 13 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए थे, जबकि डीजल 12 पैसे प्रति लीटर सस्ता किया गया था। 

इसलिए बढ़ी है अंतराष्ट्रीय बाजार में दरें 

रूस समेत 10 गैर-ओपेक देशों के भी कच्चा तेल उत्पादन में कटौती पर सहमत होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 20 फीसदी बढ़कर 55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में घरेलू बाजार में कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है।

कार्ड पेमेंट कम्पनियां दे सकती है लुभावने Offers

पिंकसिटी मार्केट न्यूज डेस्क. केन्द्र सरकार की ओर से कैशलैस ट्रांजैक्शन  को बढ़ावा देने की पॉलिसी को देखते हुए कार्ड पेमेंट संचालन करने वाली कंपनियां भी अपना बिजनेस तलाशने लग गई है। ये कम्पनियां रीटेलर्स और स्मॉल शॉपकीपर्स के बीच अपनी साख बनाने के लिए कई तरह के आॅफर घोषित करने की तैयारी कर रही है। 
अमेरिकी कम्पनी मास्टर कार्ड ने कैशलैस ट्रांजैक्शन मूवमेंट का हिस्सा बनने की पहल की है। वीजा और दूसरी कम्पनियां भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। मास्टर कार्ड के अनुसार, कम्पनी रीटेलर्स और स्मॉल शॉपकीपर्स के के साथ मिलकर न केवल डेबिट-क्रेडिट कार्ड से पेमेंट लेने को प्रोत्साहित करेगी बल्कि उसके फायदे भी बताएगी। इसके लिए मास्टर कार्ड ने फिलहाल कन्फेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CIT) के साथ हाथ मिलाया है। 
मास्टर कार्ड कम्पनी कार्ड पेमेंट में सिक्योरिटी को लेकर भ्रांतियों को भी दूर कर रहा है ताकि वे अपने शॉपकीपर्स ग्राहकों को आगे समझा सकें। कम्पनी का मानना है ​कि भारत में कैशलैस पेमेंट का यह तरीका आने वाले समय में काफी लोकप्रिय बनेगा। हालांकि अभी कार्ड पेमेंट लेने की दिक्कत से अधिक टर्मिनल मशीनों की सप्लाई का सवाल बड़ा है। अभी देश में पीओएस मशीनों की संख्या काफी कम है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। कार्ड पेमेंट को बढ़ावा देने से नकदी के प्रबंधन के कारण बैंक पर आने वाली लागत कम हो जाती है। सरकार को भी लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए आगे आना होगा। कार्ड से भुगतान करने पर लोगों को टैक्स छूट का लाभ दिया जा सकता है। 
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